पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग के डायरेक्टर जनरल मेजर जनरल बाबर इफ़्तिख़ार का कहना था कि अफ़ग़ानिस्तान में अशरफ़ ग़नी की सरकार की समाप्ति सबकी उम्मीदों के विपरीत थी।
रावलपिंडी में प्रेस कांफ़्रेंस करते हुए डीजी आईएसपीआर मेजर जनरल बाबर इफ़्तिख़ार का कहना था कि अफ़ग़ानिस्तान में उभरती हुई स्थिति और हमारे सामने मौजूद राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा और किसी भी प्रकार की अस्थिरता से निपट रहे हैं।
उनका कहना था कि अफ़ग़ान शांति प्रक्रिया में पाकिस्तान की भूमिका के बारे में सबको ही पता है, अमरीका और नैटो सैनिकों का निकलना पहले से तय था, पाकिस्तान ने पहले ही अफ़ग़ानिस्तान की सीमा की सुरक्षा के लिए कार्यवाहियां शुरू कर दी थीं।
उनका कहना था कि पाकिस्तान की सीमाएं सुरक्षित और स्थिर होने के सकारात्मक प्रभाव पड़ोसी देशों पर भी पड़ेंगे।
पड़ोसी देशों में होने वाली घटनाओं की टाइम लाइन देते हुए डीजी आईएसपीआर ने कहा कि 15 अगस्त से पहले अफ़ग़ान नेश्नल आर्मी से संबंध रखने वाले कई सैनिक दो से अधिक अवसरों पर पाकिस्तान में सुरक्षित रास्ते की तलाश में दाख़िल हुए क्योंकि वह भयभीत थे कि उनकी पोस्टों पर तालेबान हमला कर सकते हैं।
उन्होंनेक हा कि उन्हें स्वीकार किया गया और सैन्य सिद्धांतों के तहत सुरक्षित रास्ता दिया गया।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान की सशस्त्र सेना ने अंदाज़ा लगाया था कि हालात किस तरफ़ बदलने जा रहे हैं और अस्थिरता की संभावना है जिसकी वजह से कंट्रोल को सुनिश्चित बनाने के लिए सैनिकों को महत्वपूर्ण सीमा पट्टियों पर भेजा गया।
डीजीआईएसपीआर ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान से विदेशियों को निकालने के लिए दूसरी सबसे बड़ी जगह पाकिस्तान है।
उन्होंने कहा कि अब तक 113 सैन्य और व्यापारिक उड़ानें, अफ़ग़ानिस्तान से पाकिस्तान पहुंच चुकी हैं।
उनका कहना था कि पाकिस्तान-अफ़ग़ान सीमा पर स्थिति सामान्य है और कोई अप्रिय घटना नहीं घटी।